हरियाणा सरकार ने लीजधारकों और किराएदारों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है। सरकार ने घोषणा की है कि वह Mukhyamantri Shehri Nikay Swamitva Yojana के तहत नए आवेदनों के लिए 15 दिनों के लिए अपना पोर्टल फिर से खोलने जा रही है। इस योजना के अंतर्गत, जो लोग 20 साल से लीज पर या किराए पर रह रहे हैं, उन्हें मालिकाना हक दिया जाएगा।
यदि आपने अभी तक इस योजना के तहत अपना आवेदन नहीं भरा है, तो हरियाणा सरकार आपको एक और मौका दे रही है। आप इस अवसर का लाभ उठाकर ऑनलाइन आधिकारिक पोर्टल के माध्यम से अपना आवेदन दाखिल कर सकते हैं। इस पोस्ट में हम आपको इस योजना से संबंधित सभी जरूरी जानकारी देंगे, इसलिए इसे अंत तक अवश्य पढ़ें।
हरियाणा में लाल डोरा मुक्ति
हरियाणा के शहरी इलाकों में लाल डोरा की समस्या से जूझ रहे भू-स्वामियों और व्यावसायिक संपत्तियों के किराएदारों के लिए अब राहत की खबर है। सरकार ने लाल डोरा से मुक्ति के लिए एक सर्वे शुरू किया है, जिसके तहत संपत्ति मालिकों के नाम पर रजिस्ट्री की जा रही है। इसी प्रक्रिया के अंतर्गत, शहरी निकायों द्वारा लीज या किराए पर दी गई व्यावसायिक संपत्तियों का मालिकाना हक भी किराएदारों को सौंपा जा रहा है।
जो किराएदार 20 साल या उससे अधिक समय से संपत्ति पर काबिज हैं, वे कलेक्टर रेट से 20 से 50 प्रतिशत कम राशि चुकाकर संपत्ति के मालिक बन सकते हैं। यह सब मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना और स्वामित्व स्कीम के तहत किया जा रहा है। आज, गुरुवार को, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी गुरुग्राम के मानसेर में एक राज्य स्तरीय समारोह में इस योजना के लाभार्थियों को रजिस्ट्री और शहरी लाल डोरा संपत्ति प्रमाण-पत्र प्रदान करेंगे।
लाल डोरा प्रणाली की शुरुआत अंग्रेजों ने 1908 में की थी। इसका मकसद खेती की जमीन और आबादी के इलाकों को अलग करना था, जिसके लिए नक्शे पर आबादी के बाहर लाल लाइन खींची जाती थी। लाल डोरा के अंतर्गत आने वाली जमीनें बिल्डिंग बायलाज और नगरपालिका कानूनों से मुक्त थीं, लेकिन स्वामित्व के पुख्ता प्रमाण के बिना, इन संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में कठिनाई आती थी। इससे मकान मालिकों को अपनी संपत्ति बेचने या बैंक से लोन लेने में दिक्कतें आती थीं।
हरियाणा के गांव भी हो चुके हैं लाल डोरा मुक्त
हरियाणा सरकार ने गांवों को लाल डोरा की समस्या से निजात दिलाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पहले चरण में, सरकार ने गांवों को लाल डोरा से मुक्त करने की एक योजना शुरू की थी, जिसके फलस्वरूप अब हरियाणा के गांव इस समस्या से मुक्त हो चुके हैं। लाल डोरा के अंतर्गत आने वाले सभी मकानों और भूखंडों की रजिस्ट्री अब कब्जाधारियों के नाम पर की जा चुकी है।
इस सफलता के बाद, हरियाणा सरकार ने अब शहरों को भी लाल डोरा से मुक्त करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। “मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना” के तहत, शहरी क्षेत्रों को भी इसी प्रकार की मुक्ति प्रदान की जाएगी, जिससे शहरी निवासियों को भी अपनी संपत्तियों के स्वामित्व का पूर्ण अधिकार मिल सकेगा। इस योजना से शहरी निकायों की संपत्तियों के किराएदारों को भी बड़ी राहत मिलेगी और वे अपनी संपत्तियों के सही मालिक बन सकेंगे।
मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना: आवश्यक दस्तावेज
अगर आप मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना के तहत अपनी संपत्ति का स्वामित्व प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जमा करने होंगे। सबसे पहले, आपको एक सेल्फ सर्टिफाइड लेटर के माध्यम से यह घोषित करना होगा कि आप कितने समय से प्रॉपर्टी पर काबिज हैं। इसके अलावा, प्रॉपर्टी का साइट प्लान भी अपलोड करना अनिवार्य है।
इसके साथ ही, कब्जे को साबित करने के लिए आपको निम्नलिखित में से कोई एक दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा:
- बिजली या पानी कनेक्शन का बिल
- उप-किरायेदारी का समझौता पत्र
- किराये की रसीद
- फायर एनओसी
कुल मिलाकर, इनमें से किसी भी 8 दस्तावेजों को चुनकर आप अपने कब्जे का प्रमाण प्रस्तुत कर सकते हैं। यह सभी जानकारी आपको योजना के तहत स्वामित्व प्राप्त करने में मदद करेगी। इसलिए, इन दस्तावेजों को सावधानीपूर्वक तैयार करें और आवेदन के समय प्रस्तुत करें।
मुख्यमंत्री शहरी निकाय स्वामित्व योजना: आवेदन कैसे करें?
अगर आप Mukhyamantri Shehri Nikay Swamitva Yojana के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
- सबसे पहले, ulbshops.ulbharyana.gov.in वेबसाइट पर जाएं।
- ‘रजिस्टर‘ के विकल्प पर क्लिक करके अपना खाता बनाएं।
- खाता बनने के बाद, पोर्टल पर अपने खाते से लॉगिन करें।
- आपसे जो जानकारी मांगी जाएगी, उसे सावधानीपूर्वक भरें।
- आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करें।
- सभी जानकारी और दस्तावेज सही से भरने और अपलोड करने के बाद, ‘सबमिट‘ बटन पर क्लिक करें।
इस प्रक्रिया को अपनाकर आप आसानी से योजना के लिए अपना आवेदन दर्ज कर सकते हैं। ध्यान रहे कि सभी जानकारी सही और पूर्ण होनी चाहिए। यह प्रक्रिया आपको अपनी संपत्ति का स्वामित्व सुनिश्चित करने में मदद करेगी।