PM Vishwakarma Yojana 2024: जानिए कैसे करें PM विश्वकर्मा योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन!

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प्रधान मंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) नरेंद्र मोदी द्वारा आरंभ की गई एक क्रांतिकारी पहल है, जो खासतौर पर भारत के कारीगरों और शिल्पकारों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए बनाई गई है। इस योजना के तहत, सरकार कारीगरों को बेहद सस्ती ब्याज दरों पर ऋण की सुविधा उपलब्ध करा रही है, ताकि वे अपने काम को और अधिक उन्नत कर सकें। यह योजना विश्वकर्मा के रूप में मान्यता प्राप्त करने वाले कारीगरों को न केवल वित्तीय सहायता देती है, बल्कि उन्हें नए अवसरों के लिए भी तैयार करती है।

PM Vishwakarma Yojana apply online

इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य कारीगरों की मेहनत और कौशल को पहचानकर उन्हें उनके हक का सम्मान देना है। सरकार ने इस योजना के लिए 13000 करोड़ रुपये का विशाल बजट आवंटित किया है, जो कारीगरों की प्रगति और उनके काम के विस्तार के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।

योजना को विश्वकर्मा दिवस के मौके पर 17 सितंबर 2023 को लॉन्च किया गया था, और अब इच्छुक कारीगर pmvishwakarma.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह योजना पांच साल की अवधि के लिए लागू की गई है, यानी 2027-28 तक इसका असर देखने को मिलेगा।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के माध्यम से न केवल पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि उनके उत्पादों और सेवाओं को बढ़ाने के लिए विभिन्न संसाधनों की व्यवस्था भी की जाएगी। उन्हें ‘विश्वकर्मा’ की उपाधि से सम्मानित कर योजना के अंतर्गत सभी लाभ दिलाए जाएंगे।

इसके साथ ही, आधुनिक तकनीक और उपकरणों के उपयोग की ट्रेनिंग भी दी जाएगी, ताकि उनकी दक्षता में वृद्धि हो। कारीगरों को बिना किसी गारंटी के ऋण और ब्याज में छूट की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए और वैश्विक बाजार में अपनी जगह बनाने के लिए ब्रांडिंग और बाजार लिंकेज के भी विशेष इंतजाम किए गए हैं।

अंततः, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना कारीगरों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिससे वे अपने कौशल का विस्तार कर अपने भविष्य को संवार सकते हैं।

योजना का नामप्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana)
शुरू होने की तारीख17 सितंबर 2023
शुरू करने वालेप्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी
शुरू करने का स्थाननई दिल्ली
लाभार्थीपारंपरिक कारीगर और शिल्पकार
लाभमुफ्त प्रशिक्षण, टूल किट के लिए वित्तीय सहायता, लोन, सर्टिफिकेट, आदि
आधिकारिक वेबसाइटClick Here

Table of Contents

PM Vishwakarma Yojana का उद्देश्य और फायदे

PM Vishwakarma Yojana एक नई दिशा देने वाली योजना है, जिसका उद्देश्य सिर्फ कारीगरों और शिल्पकारों की आर्थिक स्थिति को सुधारना नहीं है, बल्कि उनके पूरे कार्यक्षेत्र को एक नई पहचान देना है। इस योजना के जरिए कारीगरों के उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता, पैमाने, और उनकी पहुंच में व्यापक सुधार किया जाएगा। बुनकर, सुनार, लोहार, कुम्हार, दर्जी, मूर्तिकार और कपड़े धोने वाले श्रमिक जैसे पारंपरिक कारीगरों का इस योजना से सीधा जुड़ाव है, जो उनके लिए एक नया सवेरा लेकर आई है।

लेकिन यह योजना यहीं तक सीमित नहीं है। इसका फायदा उन 30 लाख से ज्यादा कारीगरों को मिलेगा, जो अपने काम में दक्ष तो हैं, परंतु संसाधनों की कमी के कारण आगे बढ़ने में सक्षम नहीं हो पाते। माला बनाने वाले, चिनाई करने वाले और अन्य भी कई प्रकार के श्रमिक, जो शायद अब तक नजरअंदाज किए जा रहे थे, वे भी इस योजना का हिस्सा बनेंगे और लाभान्वित होंगे।

PM Vishwakarma Yojana सिर्फ आर्थिक मदद का जरिया नहीं, बल्कि डिजिटल सशक्तिकरण का भी माध्यम है। इसमें कारीगरों को डिजिटल कौशल सिखाया जाएगा ताकि वे न केवल अपने उत्पादों को ऑनलाइन बाजार में बेच सकें, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बना सकें। डिजिटल उपकरणों का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि वे अपने काम को तकनीक की मदद से और भी आगे बढ़ा सकें।

ब्रांड प्रचार की बात करें, तो यह योजना पारंपरिक कारीगरों के उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान दिलाने की दिशा में काम करेगी। सरकार उनके उत्पादों के लिए एक मजबूत ब्रांड बनाएगी, जिससे उनकी उत्पादकता और उनकी आय में वृद्धि हो सके।

बाजार लिंकेज के तहत, सरकार कारीगरों को सीधे खरीददारों और खुदरा विक्रेताओं से जोड़ेगी, जिससे उन्हें अपने उत्पादों के लिए एक स्थिर और लाभकारी बाजार मिल सके। यह कदम न केवल उनकी बिक्री को बढ़ावा देगा, बल्कि उनके आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता को भी मजबूती देगा।

आखिरकार, यह योजना सिर्फ कारीगरों के लिए आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि उनके भविष्य को सुनहरा बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह योजना उन्हें आत्मनिर्भर बनने और उनकी आजीविका में अभूतपूर्व सुधार लाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।

विश्वकर्मा योजना में कितना लोन मिलेगा और ब्याज दर कितनी होगी?

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक और कौशल विकास में सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत, पात्र कारीगरों को 3 लाख रुपये तक का लोन बेहद सरल किस्तों में प्रदान किया जाएगा। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि इस योजना के अंतर्गत कितना लोन मिलेगा और ब्याज दर कितनी होगी।

लोन की राशि और चरण

पहला चरण: 1 लाख रुपये का लोन

विश्वकर्मा योजना के पहले चरण में, पात्र कारीगरों को 1 लाख रुपये तक का लोन प्रदान किया जाएगा। इस लोन पर 5 प्रतिशत सालाना की ब्याज दर होगी, जो बाजार दरों से काफी कम है। यह लोन कारीगरों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए दिया जाएगा, जिससे वे अपने व्यवसाय को स्थिर कर सकें।

दूसरा चरण: 2 लाख रुपये का लोन

जब कारीगर पहले चरण का लोन सफलतापूर्वक चुका देंगे और उनका व्यवसाय स्थिर हो जाएगा, तब उन्हें दूसरे चरण में 2 लाख रुपये तक का लोन प्रदान किया जाएगा। इस लोन पर भी 5 प्रतिशत की ही रियायती ब्याज दर होगी। यह लोन कारीगरों को अपने व्यवसाय को और अधिक विस्तार देने में मदद करेगा।

ब्याज दर और भुगतान अवधि

ब्याज दर

विश्वकर्मा योजना के तहत दिए जाने वाले लोन पर 5 प्रतिशत सालाना की ब्याज दर होगी। यह दर बाजार दरों से काफी कम है, जिससे कारीगरों को बड़ा आर्थिक लाभ होगा। इसके अलावा, सरकार द्वारा ब्याज पर 8 प्रतिशत की सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी, जिसका एडवांस भुगतान MoMSME द्वारा बैंकों को किया जाएगा।

भुगतान अवधि

लोन की भुगतान अवधि को दो चरणों में बांटा गया है:

  • पहला चरण: 1 लाख रुपये तक का लोन, जिसकी भुगतान अवधि 18 महीने होगी।
  • दूसरा चरण: 2 लाख रुपये तक का लोन, जिसकी भुगतान अवधि 30 महीने होगी।

कौशल विकास और प्रतिदिन 500 रुपये की कमाई

इस योजना का एक और महत्वपूर्ण पहलू है कौशल विकास। यह दो स्तरों पर होगा—‘बेसिक’ और ‘एडवांस’। बेसिक ट्रेनिंग पूरी करने वालों को हर दिन 500 रुपये के हिसाब से मानदेय मिलेगा। यह राशि आधार से लिंक बैंक अकाउंट में डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से जमा की जाएगी।

बेसिक ट्रेनिंग

बेसिक ट्रेनिंग की अवधि 5 से 7 दिन होगी। इस ट्रेनिंग को पूरा करने के बाद कारीगरों को पहले चरण में 1 लाख रुपये का लोन दिया जाएगा।

एडवांस ट्रेनिंग

एडवांस ट्रेनिंग की अवधि 15 दिन होगी। इस ट्रेनिंग को पूरा करने के बाद कारीगरों को दूसरे चरण में 2 लाख रुपये का लोन दिया जाएगा। ट्रेनिंग की अवधि के दौरान मुफ्त में खाना और रहने की जगह उपलब्ध कराई जाएगी।

आधुनिक उपकरणों के लिए 15000 रुपये की मदद

यह योजना केवल लोन तक सीमित नहीं है। कारीगरों और शिल्पकारों को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और विश्वकर्मा पहचान पत्र भी प्रदान किया जाएगा, जिससे वे सरकारी सुविधाओं के लिए पात्र बनेंगे। इसके अलावा, डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने और उनके उत्पादों को बाजार में पहचान दिलाने के लिए सरकार अतिरिक्त समर्थन देगी।

उपकरण खरीदने के लिए सहायता

आधुनिक उपकरणों की खरीद के लिए योजना के तहत 15000 रुपये की विशेष मदद दी जाएगी, ताकि कारीगर अपनी दक्षता और उत्पादकता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकें।

विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन कैसे करें?

PM Vishwakarma Yojana के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन अथवा रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन CSC अथवा कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से प्राप्त किए जा रहे हैं।

PM Vishwakarma Yojana के ऑनलाइन आवेदन के चार मुख्य चरण

  1. मोबाईल और आधार वेरीफिकेशन
  2. कारीगर पंजीकरण
  3. पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र
  4. लोन के लिए आवेदन

आवेदन के ये सभी चरण CSC या फिर ग्राम पंचायत के माध्यम से पूरे किए जा सकते हैं।

पुराने कारीगरों के लिए विशेष सुविधा

बहुत से पुराने कारीगर या शिल्पकार पढ़े-लिखे नहीं हैं या फिर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया से परिचित नहीं हैं। इसलिए योजना के लिए आवेदन की सुविधा CSC अथवा कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से दी गई है।

विश्वकर्मा योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया इस प्रकार है:

  1. सबसे पहले PM Vishwakarma Yojana की आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर जाएँ।
  2. होमपेज पर “How to Register” के लिंक पर क्लिक करें।
  3. “How to Register” के लिंक पर क्लिक करने के बाद एक नया पेज खुलेगा जिसमें “Artisan” के टैब पर क्लिक करना है।
  4. इसके बाद एक PDF खुलेगी जिसमें पूरी जानकारी दी गई है कि आप विश्वकर्मा योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें।

रजिस्ट्रेशन के लिए CSC का उपयोग

हालांकि आप स्वयं से विश्वकर्मा योजना के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकते, आपको रजिस्ट्रेशन के लिए अपने नजदीकी CSC अथवा कॉमन सर्विस सेंटर जाना पड़ेगा। कॉमन सर्विस सेंटर के द्वारा रजिस्ट्रेशन की पूरी जानकारी इस PDF में उपलब्ध है।

इस प्रकार, PM Vishwakarma Yojana के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल और सुगम है। योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है ताकि वे अपने व्यवसाय को और अधिक सशक्त बना सकें।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2024, कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक बेहद महत्त्वपूर्ण योजना है। इस योजना का उद्देश्य देशभर के पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े कारीगरों को वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करना है। इसके माध्यम से उन्हें व्यावसायिक विकास का अवसर मिलेगा और वे अपनी आजीविका को और मजबूत कर सकेंगे। इस लेख में हम आपको विश्वकर्मा योजना की आवेदन प्रक्रिया, अंतिम तिथि, और पात्रता की पूरी जानकारी देंगे।

PM Vishwakarma Yojana 2024 की अंतिम तिथि कब है?

सरकार द्वारा विश्वकर्मा योजना 2024 के आवेदन के लिए कोई निश्चित अंतिम तिथि निर्धारित नहीं की गई है। यह योजना 2027-28 तक लागू रहेगी, यानी इच्छुक कारीगर और शिल्पकार इस दौरान किसी भी समय आवेदन कर सकते हैं।

हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि इस योजना में जितनी जल्दी आवेदन करेंगे, उतनी जल्दी आप इसके लाभ प्राप्त कर सकेंगे। इसलिए, जिन कारीगरों को इस योजना का लाभ लेना है, उन्हें जल्द से जल्द आवेदन करना चाहिए।

विश्वकर्मा योजना के लिए पात्रता

PM Vishwakarma Yojana के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं। नीचे दी गई सूची में उन कारीगरों और शिल्पकारों की जानकारी दी गई है, जो इस योजना के लिए पात्र हैं:

  • योजना का लाभ केवल उन कारीगरों और शिल्पकारों को मिलेगा, जो हाथ और औजारों से काम करते हैं।
  • ये कारीगर पारंपरिक रूप से परिवार-आधारित व्यवसाय में संलग्न होते हैं और अपने पूर्वजों से यह कौशल प्राप्त करते हैं।
  • यह योजना उन कारीगरों के लिए है, जो असंगठित क्षेत्र में स्वरोजगार के माध्यम से अपनी आजीविका चलाते हैं। इस प्रकार के कारीगर छोटे पैमाने पर काम करते हैं और उन्हें औपचारिक रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं होते।
  • योजना में आवेदन करने के लिए कारीगर की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। इसका अर्थ है कि आवेदक को पंजीकरण की तिथि तक 18 वर्ष का होना अनिवार्य है।
  • यह योजना उन कारीगरों के लिए है जिन्होंने पिछले 5 वर्षों में केंद्र या राज्य सरकार की किसी भी क्रेडिट-आधारित योजना जैसे प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP), प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, या मुद्रा योजना का लाभ नहीं लिया हो।
  • इस योजना के तहत एक परिवार में (पति, पत्नी, और अविवाहित बच्चे) केवल एक सदस्य ही लाभ प्राप्त कर सकता है।
  • यदि परिवार का कोई सदस्य सरकारी सेवा में कार्यरत है, तो वह और उसके परिवार के अन्य सदस्य इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज

PM Vishwakarma Yojana, कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य उनके व्यवसाय को सशक्त बनाना और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए, आवेदकों को कुछ विशेष दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। इसके अतिरिक्त, योजना के तहत विभिन्न प्रकार के कारीगरों को लाभ प्राप्त होगा। इस लेख में, हम PM Vishwakarma Yojana के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची और योजना के लाभार्थियों की जानकारी विस्तार से प्रदान करेंगे।

PM Vishwakarma Yojana के लिए आवश्यक दस्तावेज

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत पंजीकरण के लिए आवेदकों को कुछ मुख्य दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। ये दस्तावेज आपके आवेदन की वैधता और सही-सही जानकारी की पुष्टि करने में मदद करेंगे।

  • आधार कार्ड
  • मोबाइल नंबर
  • बैंक विवरण
  • राशन कार्ड
  • जाति प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र
  • शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र
  • कौशल प्रमाण पत्र
  • व्यवसाय प्रमाण पत्र

इन दस्तावेजों के अलावा, MoMSME (Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises) द्वारा निर्धारित अतिरिक्त दस्तावेज भी मांगे जा सकते हैं। इसलिए, सभी आवश्यक दस्तावेजों की जांच और तैयारी समय पर कर लें।

विश्वकर्मा योजना के लाभार्थियों की सूची

PM Vishwakarma Yojana के तहत विभिन्न प्रकार के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को लाभ प्राप्त होगा। यहाँ पर उन अठारह पारंपरिक व्यापारों की सूची दी गई है जिनके अंतर्गत कारीगरों को लोन और अन्य लाभ मिलेंगे:

  • बढ़ई लकड़ी से जुड़े कार्य करने वाले कारीगर होते हैं। वे फर्नीचर, दरवाजे, खिड़कियाँ, आदि बनाने का कार्य करते हैं।
  • नाव निर्माता वे लोग हैं जो विभिन्न प्रकार की नावें और जल परिवहन साधन तैयार करते हैं।
  • कवचकार विभिन्न प्रकार के कवच और सुरक्षा उपकरण बनाने का कार्य करते हैं।
  • लुहार लोहे से संबंधित कार्य करते हैं जैसे कि औजार, हार्नेस, और अन्य धातु उत्पाद बनाते हैं।
  • हथौड़ा और उपकरण किट निर्माता विभिन्न औजारों और उपकरणों की किट तैयार करते हैं।
  • ताले निर्माता विभिन्न प्रकार के ताले और ताले बनाने का कार्य करते हैं।
  • सुनार सोने, चांदी और अन्य बहुमूल्य धातुओं से आभूषण बनाते हैं।
  • कुम्हार मिट्टी के बर्तन, सजावटी वस्तुएं और अन्य मिट्टी के उत्पाद बनाते हैं।
  • मूर्तिकार पत्थर और अन्य सामग्री से मूर्तियाँ और सजावटी वस्तुएं बनाते हैं। पत्थर तोड़ने वाला पत्थर की खुदाई और उसे तोड़ने का कार्य करता है।
  • चर्मकार और जूता निर्माता चमड़े से जूते और अन्य उपयोगी वस्तुएं बनाते हैं।
  • मिस्त्री भवन निर्माण और चिनाई का कार्य करते हैं।
  • टोकरी, चटाई, और झाड़ू निर्माता बुनाई और हाथ से निर्मित वस्तुएं बनाते हैं।
  • गुड़िया और खिलौने निर्माता पारंपरिक खिलौने और गुड़िया तैयार करते हैं।
  • नाई बाल कटवाने और सजाने का कार्य करते हैं।
  • माला बनाने वाले फूलों और अन्य सामग्री से माला और सजावटी वस्तुएं बनाते हैं।
  • धोबी कपड़े धोने और प्रेस करने का कार्य करते हैं।
  • दर्जी कपड़े सिलने और डिजाइन करने का कार्य करते हैं।
  • मछली जाल निर्माता मछली पकड़ने के जाल बनाते हैं।

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