PM Kusum Yojana 2024: किसानों को सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाले सोलर पंप देने का उद्देश्य रखते हुए केंद्र सरकार ने कुसुम योजना शुरू की है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार और राजस्थान राज्य सरकार तीन करोड़ पेट्रोल और डीजल से चलने वाले सिचाई पम्पों को सोलर पंपों में बदलेंगी। इससे किसानों को ईंधन की बचत होगी और पर्यावरण को भी लाभ होगा।
इस योजना के पहले चरण में देश के 1,47,000 पेट्रोल और डीजल से चलने वाले पम्पों को सोलर पैनल से जोड़कर चलाया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों ने वित्तीय सहायता का प्रावधान किया है। इसके अलावा, अन्य राज्यों में भी इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है।
PM Kusum Yojana 2024
कुसुम योजना का उद्देश्य है कि राज्य सरकार अगले 10 साल में 17.5 लाख डीज़ल चलने वाले पम्प और 3 करोड़ खेती के लिए उपयोगी पम्प को सौर ऊर्जा से चलने वाले पम्प में बदल दे। यह योजना राजस्थान के किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है। सरकार ने राज्य के किसानों के खेतों में सौर पम्प लगाने और सौर उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए पहले से ही 50 हजार करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है। इस योजना के तहत, 2020-21 के बजट में राज्य के 20 लाख किसानों को सौर पम्प लगाने में सहायता मिलेगी।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना का मकसद है कि किसानों की आमदनी बढ़े और उनका खर्चा कम हो। इस योजना के अंतर्गत, सरकार किसानों के खेतों में सौर पम्प लगाने का काम करेगी। इस योजना में तीन हिस्से हैं। पहले हिस्से ‘अ’ में, जिन किसानों की जमीन उपजाऊ नहीं है या जो जमीन उपयोग में नहीं है, वे अपनी जमीन पर सौर प्लांट लगा कर बिजली पैदा कर सकते हैं। फिर वे बिजली कंपनियों को बिजली बेच कर पैसा कमा सकते हैं। इससे उनकी जमीन का भी फायदा होगा। इस हिस्से में, 5000 किलोवाट से 2 मेगावाट तक के सौर प्लांट लगाए जा सकते हैं।
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दूसरे हिस्से ‘ब’ में, किसान को सौर पम्प लगाने के लिए पूरे खर्चे में से केवल 10 प्रतिशत ही देना होगा। बाकी का 60 प्रतिशत सरकार सब्सिडी देगी और 30 प्रतिशत का कर्ज देगी। सौर पम्प की गारंटी 25 साल की होगी। तीसरे हिस्से ‘स’ में, जिन किसानों के खेतों में बिजली से चलने वाले पम्प हैं, वे उन्हें भी सौर पम्प में बदलवा सकते हैं।
कुछ गांव ऐसे हैं जहां 24 घंटे बिजली नहीं मिलती है, तो वे किसान अपने खेतों में सौर पम्प लगा कर दिन रात बिजली का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे उनके खेतों में पानी की कमी नहीं होगी। जो किसान खेतों में डीजल से चलने वाले पम्प का इस्तेमाल करते हैं, उनका डीजल का खर्चा बचेगा।
पहले आने वालों को पहले मिलेगा
पहले आने वालों को पहले मिलेगा यह एक सिद्धांत है, जिसके अनुसार किसानों की बुकिंग जिले का लक्ष्य पार करने तक की जाएगी। किसानों को ऑनलाइन बुकिंग करते समय 5000 रुपये का टोकन भुगतान करना होगा। यह टोकन एक हफ्ते में मंजूर हो जाएगा। फिर किसानों को बची हुई रकम का ऑनलाइन चालान बनाकर इंडियन बैंक में जमा करना होगा। अगर किसान रकम नहीं जमा करते हैं, तो उनका आवेदन रद्द हो जाएगा। उनका टोकन भी खत्म हो जाएगा।
इस योजना का फायदा उठाने के लिए किसानों को अपने खेतों में 3 और 5 HP के लिए 6 इंच और 7 और 10 HP के लिए 8 इंच की बोरिंग करवानी होगी। यह बोरिंग किसानों को खुद करनी होगी। जब सत्यापन होगा, तो अगर बोरिंग नहीं होगी, तो उनका आवेदन नामंजूर हो जाएगा। उनका टोकन भी वापस नहीं मिलेगा। किसान जब सोलर पम्प लगवाएंगे, तो वे उसका स्थान नहीं बदल सकेंगे।
धनराशि और अनुदान का विवरण
इस लेख में, प्रेस नोट के अनुसार, विभिन्न प्रकार के सौर पम्प की कीमत, अनुदान और टोकन मनी का बताया गया है। इसमें ये भी बताया गया है कि कितने किसानों को इन पम्प का लाभ मिलेगा। ये सब जानकारी नीचे दी गई है।
पम्प का प्रकार | कीमत (रुपये) | अनुदान (रुपये) | टोकन मनी (रुपये) | बची हुई रकम (रुपये) | लाभार्थी की संख्या |
---|---|---|---|---|---|
3 HP DC समर्सिबल | 232721 | 139633 | 5000 | 88088 | 270 |
3 HP AC समर्सिबल | 230445 | 138267 | 5000 | 87178 | 161 |
5 HP AC समर्सिबल | 327498 | 196499 | 5000 | 125999 | 200 |
7.5 HP AC समर्सिबल | 444094 | 266456 | 5000 | 172638 | 40 |
10 HP AC समर्सिबल | 557620 | 266456 | 5000 | 284164 | 10 |
ये पैसे किसानों के बैंक खाते में भेजे जाएंगे।
पीएम कुसुम योजना के लिए कितनी भूमि होनी चाहिए
पीएम कुसुम योजना के लिए कितनी भूमि होनी चाहिए, इसका कोई एकमात्र उत्तर नहीं है, क्योंकि यह राज्यों के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। हालांकि, कुछ स्रोतों के अनुसार, इस योजना के अंतर्गत सोलर पंप लगाने के लिए किसान के पास कम से कम 4 से 5 एकड़ जमीन होनी चाहिए। इसके अलावा, यदि किसान अपनी बंजर/परती भूमि पर ग्रिड-कनेक्टेड सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना चाहता है, तो उसके पास 2 मेगावाट तक की क्षमता की जमीन होनी चाहिए।
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प्रधानमंत्री कुसुम योजना के फायदे
- PM Kusum Yojana से भारत के किसानों को सौर पम्प मिलेंगे।
- इससे उनकी आमदनी बढ़ेगी और उनका खर्चा कम होगा।
- यह योजना हर किसान के लिए है, जो अपने खेतों में सौर पम्प से सिंचाई कर सकते हैं।
- जहां बिजली नहीं है, वहां के किसान भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
- किसान अपनी जमीन पर सौर प्लांट लगा कर ज्यादा बिजली बना कर उसे बेच कर भी कमाई कर सकते हैं।
- डीजल का उपयोग करने से होने वाले खर्च और प्रदूषण से बचा जा सकता है।
- किसानों को सिर्फ 10 प्रतिशत ही पैसा देना होगा, बाकी का सरकार देगी।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज़
- इस योजना के लिए आवेदक को भारत का निवासी होना जरूरी है।
- उसके पास किसान कार्ड होना चाहिए।
- उसका आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, भूमि के कागज़, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज का फोटो होना चाहिए।
कुसुम योजना के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया?
पीएम कुसुम योजना के लिए आवेदन करने के लिए आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:
- सबसे पहले, आपको कुसुम योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
- वेबसाइट पर जाने के बाद, आपको अपना राज्य और जिला चुनना होगा।
- फिर, आपको अपना नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, आधार नंबर, बैंक खाता नंबर और अन्य आवश्यक जानकारी भरनी होगी।
- फिर, आपको अपने खेत की जानकारी, जैसे कि खेत का आकार, खेत का पता, खेत की फसल, खेत की सिंचाई का तरीका, खेत में लगे हुए पंप की क्षमता और प्रकार आदि भरनी होगी।
- फिर, आपको अपने द्वारा चुने गए सोलर पंप की जानकारी, जैसे कि सोलर पंप का प्रकार, सोलर पंप की क्षमता, सोलर पंप की लागत, सोलर पंप की सब्सिडी आदि भरनी होगी।
- फिर, आपको अपने दस्तावेजों की स्कैन कॉपी, जैसे कि आधार कार्ड, बैंक पासबुक, खेत का प्रमाण पत्र, खेत का नक्शा, पंप का बिल आदि अपलोड करनी होगी।
- फिर, आपको अपना आवेदन फॉर्म जांचना होगा और अगर सब कुछ सही है तो आपको आवेदन फॉर्म सबमिट करना होगा।
- आवेदन सबमिट करने के बाद, आपको एक आवेदन संख्या और एक आवेदन पत्र प्राप्त होगा, जिसे आपको सुरक्षित रखना होगा।
- आपका आवेदन फॉर्म कृषि विभाग द्वारा जांचा जाएगा और यदि आपका आवेदन स्वीकृत होता है तो आपको सौर पंप की स्थापना के लिए एक अधिकृत एजेंसी से संपर्क करने का निर्देश दिया जाएगा।