झारखंड सरकार ने किसानों की सहायता के लिए Birsa Pradhanmantri Fasal Bima Yojana की शुरुआत की है। इस अनूठी योजना के अंतर्गत, किसान मात्र 1 रुपए में अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं। यह योजना खरीफ और रबी सीजन की पांच प्रमुख फसलों के लिए लागू होगी, और इसका लाभ उठाने के लिए किसान 31 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं।
झारखंड के किसान जो इस योजना के तहत अपनी फसलों को सुरक्षित करना चाहते हैं, वे बिना किसी परेशानी के अपने मोबाइल या लैपटॉप से घर बैठे ही ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस लेख के माध्यम से हम आपको 2024 से संबंधित इस योजना की विस्तृत जानकारी देंगे और यह भी बताएंगे कि कैसे आप इस योजना के तहत केवल 1 रुपए के प्रीमियम का भुगतान करके इसका लाभ उठा सकते हैं। इसलिए, इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ें और इस योजना के लाभों को समझें।
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ToggleBirsa Pradhanmantri Fasal Bima Yojana 2024: झारखंड के किसानों के लिए नई सुविधा
झारखंड में दो वर्षों के अंतराल के बाद, सरकार ने किसानों की आवश्यकताओं को समझते हुए बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को पुनः आरंभ किया है। इस योजना के अंतर्गत, किसान केवल 1 रुपए के प्रीमियम पर अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं। यदि प्राकृतिक आपदा या अन्य किसी कारण से फसल को नुकसान होता है, तो किसान इस योजना के तहत सरकार से मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं।
Mukhyamantri Pashudhan Vikas Yojana
खरीफ सीजन में धान, मक्का और रबी सीजन में चना, गेहूं, और आलू जैसी फसलों के लिए यह बीमा उपलब्ध है। यह योजना विशेष रूप से चालू खरीफ और आगामी रबी वर्ष 2025-26 के लिए लागू की गई है, जिससे किसानों को फसल क्षति की स्थिति में आर्थिक सहायता मिल सके और वे खेती में पुनः स्वावलंबी बन सकें। इस योजना के लाभों को समझने और 1 रुपए के प्रीमियम पर इसका लाभ उठाने के लिए, इस लेख को अंत तक पढ़ें और आवश्यक जानकारी प्राप्त करें।
बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2024: किसानों के लिए एक रुपए की सुरक्षा
झारखंड सरकार ने Birsa Pradhanmantri Fasal Bima Yojana की शुरुआत करके किसानों को एक बड़ी राहत प्रदान की है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य है किसानों को मात्र 1 रुपए के प्रीमियम पर उनकी फसलों का बीमा प्रदान करना, जिससे वे फसल नुकसान की स्थिति में आर्थिक संकट से बच सकें।
इस योजना के तहत, यदि किसानों की फसल को 80% तक का नुकसान होता है, तो धान के लिए 70 हजार रुपए प्रति एकड़ और मक्का के लिए 50 हजार रुपए प्रति एकड़ का मुआवजा प्रदान किया जाएगा। फसल नुकसान की स्थिति में किसानों को अपने नजदीकी किसान मित्र या कृषि कार्यालय में जाकर फसल क्षति की जानकारी देनी होगी। यदि उनका जिला सूखा घोषित या प्राकृतिक आपदा से प्रभावित होता है, तो उन्हें इस योजना के तहत मुआवजा प्राप्त होगा।
इस योजना के माध्यम से, सरकार किसानों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इस लेख को पढ़कर आप इस योजना के लाभों को समझ सकते हैं और जान सकते हैं कि कैसे आप इसका लाभ उठा सकते हैं।
झारखंड में फसल बीमा के लिए तीन एजेंसियों का चयन
झारखंड सरकार ने फसल बीमा की जिम्मेदारी के लिए तीन प्रमुख एजेंसियों को चुना है। इन एजेंसियों का विवरण इस प्रकार है:
- देवघर के किसानों के लिए: फ्यूचर जनरल इंश्योरेंस इंडिया कंपनी लिमिटेड को देवघर क्षेत्र के किसानों की फसलों का बीमा करने का दायित्व सौंपा गया है।
- एचडीएफसी एजेंसी का कार्यक्षेत्र: पूर्वी सिंहभूम, साहिबगंज, गढ़वा, कोडरमा, रामगढ़, पलामू, पश्चिमी सिंहभूम, और लोहरदगा में एचडीएफसी एजेंसी फसल बीमा का कार्य संभालेगी।
- आईआईसीआई और बजाज एयरलाइंस की भूमिका: आईआईसीआई गोंडा, बोकारो, लातेहार, और चतरा में बीमा सेवाएं प्रदान करेगी, जबकि बजाज एयरलाइंस गिरिडीह, दुमका, पाकुड़, रांची, सरायकेला खरसावां, सिमडेगा, हजारीबाग, और खूंटी में फसल बीमा करेगी।
इस व्यवस्था के माध्यम से, झारखंड सरकार ने सुनिश्चित किया है कि राज्य के किसानों को उनकी फसलों के बीमा के लिए व्यापक कवरेज मिले और वे किसी भी प्राकृतिक आपदा या अन्य नुकसान की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्राप्त कर सकें।
Birsa Pradhanmantri Fasal Bima Yojana 2024: किसानों के लिए वरदान
बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत झारखंड सरकार ने किसानों को एक अनूठी सुविधा प्रदान की है। इस योजना में, किसान मात्र 1 रुपए के प्रीमियम पर अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं। यदि फसल को 80% तक का नुकसान होता है, तो धान के लिए 70 हजार रुपए प्रति एकड़ और मक्का के लिए 50 हजार रुपए प्रति एकड़ का मुआवजा मिलेगा।
इस योजना के लिए राज्य सरकार ने तीन एजेंसियों को चुना है जो फसल बीमा कराने का कार्य संभालेंगी। किसान खरीफ और रबी सीजन की पांच प्रमुख फसलों के लिए इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। यह योजना उन्हें फसल नुकसान के समय आर्थिक संकट से उबरने में मदद करेगी।
किसान घर बैठे ऑनलाइन आवेदन करके इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों में शामिल हैं:
- आधार कार्ड
- जमीन से संबंधित कागजात
- बटाई प्रमाण पत्र
- फसल बुवाई का सेल्फ अटेस्टेड प्रमाण पत्र
- बैंक खाता पासबुक
- मोबाइल नंबर
इस योजना के माध्यम से, किसान बिना किसी चिंता के खेती कर सकेंगे और उन्हें फसल नुकसान के समय आर्थिक सहारा मिलेगा।
बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2024 ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
Birsa Pradhanmantri Fasal Bima Yojana 2024 के तहत आवेदन करने की सरल और सुविधाजनक प्रक्रिया इस प्रकार है:
- वेबसाइट पर जाएँ: सबसे पहले, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
- होम पेज पर नेविगेट करें: वेबसाइट के होम पेज पर ‘Farmer Corner’ पर क्लिक करें।
- लॉगिन करें: ‘Login For Farmer’ विकल्प पर क्लिक करके लॉगिन प्रक्रिया शुरू करें।
- OTP प्राप्त करें: अपना मोबाइल नंबर और कैप्चा कोड दर्ज करके ‘Request for OTP’ पर क्लिक करें।
- रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें: प्राप्त OTP को दर्ज करने के बाद रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुलेगा, जिसमें आवश्यक जानकारी भरें।
- फसल और वर्ष का चयन करें: अपनी फसल और वर्ष का चयन करें।
- दस्तावेज अपलोड करें: आवश्यक दस्तावेजों को स्कैन करके अपलोड करें।
- प्रीमियम का भुगतान करें: मात्र 1 रुपए की प्रीमियम राशि का भुगतान करें और ‘Submit’ पर क्लिक करके आवेदन पूरा करें।
इस प्रक्रिया को अपनाकर झारखंड के किसान आसानी से बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसलों का बीमा करवा सकते हैं और फसल नुकसान की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: सहायता और संपर्क जानकारी
झारखंड के किसानों के लिए बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़ी सहायता और संपर्क की जानकारी इस प्रकार है:
- संपर्क नंबर: योजना से संबंधित सहायता के लिए किसान 14447 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।
- समस्या समाधान: इस नंबर पर कॉल करके किसान योजना से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
- आवेदन और बीमा जानकारी: आवेदन प्रक्रिया और बीमा से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी भी इसी नंबर पर उपलब्ध होगी।
इस सुविधा के माध्यम से, झारखंड सरकार ने किसानों को योजना के बारे में आसानी से जानकारी प्राप्त करने और उनकी समस्याओं का समाधान करने का एक सरल माध्यम प्रदान किया है। इससे किसानों को योजना के लाभों का पूरा उपयोग करने में सहायता मिलेगी।